मै…, एक शब्द नही…, एक आवाज़ नही…, मै कोई रूह नही.., कोई कायनात नही.., सागर मे बेहता बूंद हू जो, साहील के रेत मे घुल जाता हू, फीर से बेहने के लीये…..॥

Wednesday, November 17, 2010
दोस्ती सयानी है
मैखाने से दोस्ती शराब है
बनिये से दोस्ती हिसाब है
टीचर से दोस्ती किताब है
दुश्मन से दोस्ती खराब है।
डॉक्टर से दोस्ती इंजेक्शन है
मरीज से दोस्ती इंफेक्शन है
नेता से दोस्ती इलेक्शन है
बॉस से दोस्ती सलेक्शन है।
पुलिस से दोस्ती फोर्स है
अफसर से दोस्ती सोर्स है
प्रोफेसर से दोस्ती डिवोर्स है।
राइटर से दोस्ती कहानी है
प्रेमिका से दोस्ती जवानी है
दौलत से दोस्ती दीवानी है
दोस्त से दोस्ती सयानी है
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